
अलीगढ़ : उप कृषि निदेशक कृषि रक्षा डा0 सतीश मलिक ने किसान भाईयों को उपयोगी जानकारी देते हुए बताया कि आलू के कंदों का बीज उपचार बोने की प्रारम्भिक अवस्था में अच्छे अंकुरण के लिये आवश्यक है कि आप बीज को रस चूसने वाले कीट, मिट्टी के कीट और फफूंद जनित रोगों से सुरक्षित रखने के लिये बीज उपचार के माध्यम से स्वस्थ और मजबूत पौधों की शुरूआत कर सकते हैं। जिससे उत्पादन में वृद्वि के साथ-साथ आपकी आय में भी वृद्वि होती है।
उन्होंने बताया कि आलू के कन्दों के बीज उपचार के लिय पेनफ्लुफेन 22.43 प्रतिशत एफएस 83 मिलीलीटर दवा को 100 लीटर पानी में घोलकर प्रति 800-1000 किलोग्राम कन्दों पर छिड़काव करें। पेन्सीक्यूरान 22.9 प्रतिशत एससी 250 मिलीमीटर दवा को 100 लीटर पानी में घोलकर बुवाई से पूर्व 800-1000 किलोग्राम आलू के कन्दों से छि़डकाब करें। टेबुकोनाजोल 15 प्रतिशत एवं जिनेब 57 प्रतिशत डब्लूडीजी दवा की 200 ग्राम मात्रा को पानी में घोलकर 1000 किलोग्राम आलू के कन्दों पर छिडकाब करें




