
राहुल शर्मा
अलीगढ़, 11 नवम्बरः आईआईटी बॉम्बे के फॉसी जीआईएस प्रोजेक्ट द्वारा औपचारिक रूप से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को “ओपन सोर्स जियोस्पैशियल नॉलेज पार्टनर” के रूप में मान्यता प्रदान की गयी है। यह परियोजना फ्री एंड ओपन सोर्स जियोस्पैशियल सॉफ्टवेयर, भारतीय उपग्रह डेटा तथा स्वदेशी तकनीकों जैसे नाविक (एनएवीआईसी) के उपयोग को शैक्षणिक और औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ावा देती है। एएमयू को यह मान्यता वर्ष 2020 से ओपन सोर्स जियोस्पैशियल पहलों में उसके निरंतर योगदान और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रदान की गई है यह उपलब्धि विशेष रूप से एएमयू महिला कॉलेज की उल्लेखनीय भागीदारी को दर्शाती है, जिसने ओपन सोर्स जीआईएस प्रशिक्षण को अपने पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया और देश के सभी राज्यों में व्यापक जागरूकता अभियान संचालित किया। विमेंस कॉलेज, एएमयू को “महिलाओं को ओपन सोर्स जियोस्पैशियल कौशल और शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने हेतु नोडल संस्थान” के रूप में भी नामित किया गया है। यह सम्मान अब तक भारत की केवल तीन संस्थाओं को प्राप्त हुआ है वर्ष 2024 में एएमयू को आईआईटी बॉम्बे में आयोजित राष्ट्रीय जियोस्पैशियल पुरस्कार 2024 के उद्घाटन समारोह में “सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय पुरस्कार” से सम्मानित किया गया था। यह आयोजन राष्ट्रीय मिशन ऑन एजुकेशन आईसीटी (एनएमईआईसीटी), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में किया गया था एएमयू पृथ्वी विज्ञानों में रिमोट सेंसिंग और जीआईएस अनुप्रयोगों के क्षेत्र में लंबे समय से अग्रणी रहा है। विश्वविद्यालय ने 1984 में (स्व.) प्रो. इकबालुद्दीन के नेतृत्व में रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशंस सेंटर फॉर रिसोर्स इवैल्यूएशन एंड जियोइंजीनियरिंग की स्थापना की थी, जो बाद में वर्ष 2014-15 में इंटरडिसिप्लिनरी डिपार्टमेंट ऑफ रिमोट सेंसिंग एंड जीआईएस एप्लिकेशंस के रूप में विकसित हुआ पुरस्कार समारोह के दौरान भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रो. शहाब फजल और इंटरडिसिप्लिनरी डिपार्टमेंट ऑफ रिमोट सेंसिंग एंड जीआईएस एप्लिकेशंस के अध्यक्ष डॉ. हारिस हसन खान के अकादमिक और अनुसंधान योगदानों की विशेष सराहना की गई। “एक्सीलेंस इन आउटरीच अवॉर्ड” महिला कॉलेज, एएमयू, और भूगोल विभाग के प्रो. मंसूर आलम सिद्दीकी को प्रदान किया गया, जिन्होंने उत्तर प्रदेश और देशभर में ओपन सोर्स जियोस्पैशियल टूल्स के प्रचार में और विशेष रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ये पुरस्कार और प्रमाणपत्र भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) के पूर्व अध्यक्ष एवं अंतरिक्ष विभाग, भारत सरकार के पूर्व सचिव डॉ. किरण कुमार द्वारा 17 जुलाई 2025 को आईआईटी बॉम्बे में प्रदान किए गए एएमयू की कुलपति प्रो. नईमा खातून को प्रमाणपत्र और पुरस्कार औपचारिक रूप से फॉसी जीआईएस परियोजना के राष्ट्रीय समन्वयक एवं वरिष्ठ अनुसंधान वैज्ञानिक मोहम्मद कासिम खान (आईआईटी बॉम्बे) द्वारा सौंपे गए। इस अवसर पर प्रोफेसर एम मोहसिन खान, सह कुलपति प्रो. आसिम जफर (रजिस्ट्रार, एएमयू), प्रो. शहाब फजल, डॉ. हारिस हसन खान और प्रो. मंसूर आलम सिद्दीकी भी उपस्थित थे रजिस्ट्रार प्रो. आसिम जफर ने बताया कि अगले चरण में एएमयू और आईआईटी बॉम्बे का फॉसी जीआईएस प्रोजेक्ट मिलकर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी), थीम आधारित कार्यशालाओं तथा समर विंटर स्कूल्स के माध्यम से क्षमता निर्माण पर कार्य करेंगे। इस साझेदारी के अंतर्गत विद्यार्थियों को नेशनल जियोस्पैशियल इंटर्नशिप प्रोग्राम में भाग लेने का अवसर भी प्राप्त होगा, जो राष्ट्रीय जियोस्पैशियल नीति 2022 और भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 के अनुरूप है




